जन्माष्टमी महोत्सव
जय श्री कृष्ण प्रभु का जन्मदिन हम मनाते हैं।
आज कल बरसों से माखन मिश्री खिलाते हैं।
कुदरत और विधि का विधान जन्माष्टमी कहते हैं।
हम सभी जीवन में बस समर्पण भाव रहते हैं।
हमारे मन भावों योगी योगेशवर के रूप भाते हैं।
जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी हम गाते हैं।
माधव केशव मधुसूदन गोपाल जय श्री कृष्ण कहते हैं।
जपते हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे रहते हैं।
हमारे मनभावों बसे राधे कृष्ण जन्मोत्सव हम मनाते हैं।
हमारे विचार विश्वास में ही बसे कृष्ण बाल रूप भाते हैं।
जन्माष्टमी महोत्सव झूमो नाचो गाओ हम सभी मनाते हैं।
अपने सुख दुःख हम प्रभु शरण में मनभावों से हम बताते हैं।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे महा मंत्र महिमा हम सभी को कहते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र