*जन्मदिवस पर केक ( बाल कविता )*
जन्मदिवस पर केक ( बाल कविता )
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जन्मदिवस पर राजू के
जब केक एक था आया ,
केक देखकर राजू का मन
भीतर से ललचाया ।
मम्मी थीं चौके में
पापा बाहर घूम रहे थे ,
सभी अतिथि राजू के मुख को
रह -रह चूम रहे थे ।
नजर बचाकर राजू ने
उंगली से केक उठाया ,
चाटा झटपट ,मजा केक का
राजू ने फिर पाया ।
मम्मी ने जब आकर देखा
बोलीं” किसने खाया ?”
राजू घबराकर तब बोला
“यहाँ न कोई आया।”
समझ गईं मम्मी
राजू को हल्की चपत लगाई ,
बोलीं” तुमको है पसंद
इस कारण ही तो लाई।
सब्र रखो जीवन में
इसका फल मीठा पाते हैं ,
मेजबान से पहले
आए सभी अतिथि खाते हैं।।”
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451