जन्मदिन
शब्द शून्य हैं, भाव शून्य हैं
कैसे तुम्हे बधाई दूँ ;
शीतल प्राणवायु मैं तुमको
क्या स्नेहिल पुरवाई दूँ ।
महके चन्दन सा मन पावन
नित शिखरों के चुम्बन से ;
सुख भी तुमसे सुख ही चाहे
स्नेहशिक्त आलिंगन से ।
जन्म दिवस की इस वेला पर
स्वप्नों की तरुणाई दूँ ;
सोंच रहा हूँ ऐसा क्या दूँ
कैसे तुम्हे बधाई दूँ ….???
शीतल प्राणवायु…….???
राहुल द्विवेदी ‘स्मित’