Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2022 · 1 min read

जन्मदिन स्पेशल

परम् आदरणीया मनोरमा जैन पाखी जी के अवतरण दिवस पर लिखी मेरी एक रचना उनको समर्पित……

मन मनोरम दृष्टि चंचल ।
कुञ्ज की पाखी अरी ! हूँ।।00

स्नेह के निर्झर में डूबी,
तूलिका को हाथ लेकर।
मैं अकेली चल रही हूँ,
हर्ष को भी साथ लेकर।
दृग पटों के बन्धनों में,
अश्रु सी जकड़ी परी हूँ।।

कुञ्ज की पाखी अरी! हूँ।।01

व्योम के बाहों में झूली,
कुन्ज की कुसुमित कली हूँ।
सद्य ये मकरन्द लेकर,
साँझ सी मानो ढली हूँ ।
काव्य लिप्सा में हूँ लिपटी
सोम से मैं अब भरी हूँ ।।

कुन्ज की पाखी अरी! हूँ ।।02

नव सृजन की लालसा ले,
नित नई राहें चली हूँ ।
मैं अकिंचन शब्द मंथन,
रात-दिन यूँ ही जली हूँ ।
श्रम समाहित सार-साधक,
स्वर्ण सी मानो खरी हूँ ।।

कुञ्ज की पाखी अरी! हूँ ।।03

लक्ष्य आँखों में लिए यूँ,
कर्मपथ अनुगामिनी सी।
शीत पुंज कुञ्ज कलरव,
पूर्णिमा की यामिनी सी ।
हो अमावस रात बेशक,
स्याह से मैं कब डरी हूँ ।।

कुञ्ज की पाखी अरी! हूँ ।।04

न कोई है राग मन में,
अब बसा वैराग्य मन में।
खुद से खुद प्रतिकार करके
न ही है नैराश्य मन में।
काव्य सृजन कुन्ज की तो
मैं लता बिल्कुल हरी हूँ ।।

कुन्ज की पाखी अरी! हूँ।।05

मन मनोरम दृष्टि चंचल
कुन्ज की पाखी अरी! हूँ ।।00

स्वरचित सादर समर्पित…….
हर्ष
आजमगढ़
यू पी

Language: Hindi
2 Likes · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
*स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री राम कुमार बजाज*
*स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री राम कुमार बजाज*
Ravi Prakash
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सहधर्मनी
सहधर्मनी
Bodhisatva kastooriya
" कल से करेंगे "
Ranjeet kumar patre
■ताज़ा शोध■
■ताज़ा शोध■
*प्रणय*
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
विरह–व्यथा
विरह–व्यथा
singh kunwar sarvendra vikram
4812.*पूर्णिका*
4812.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
Vijay kumar Pandey
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
Ravikesh Jha
बढ़ती वय का प्रेम
बढ़ती वय का प्रेम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*इश्क़ की आरज़ू*
*इश्क़ की आरज़ू*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कितने एहसास हैं
कितने एहसास हैं
Dr fauzia Naseem shad
कान्हा महाजन्माष्टमी है आज,
कान्हा महाजन्माष्टमी है आज,
Chaahat
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
Rekha khichi
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"विचारणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...