जन्मदिन मैं इस तरह मनाऊँ
जन्मदिन मैं इस तरह मनाऊँ।
अपने हिस्से की कुछ ख़ुशियाँ, यारों को दे आऊँ।
प्रिय परिवार और स्नेहीजन।
जो मुझ पर बारें तन मन धन।
मुझ पर प्यार जिन्हें भरसक है।
जिनका इस जीवन पर हक़ है।
इस जीवन के कुछ पल हँस कर उनके संग विताऊँ।
खुद उनके सारे गम ले लूँ उन पर प्यार लुटाऊँ।
जन्मदिन मैं इस तरह मनाऊँ।।
तीरथ कर आना अच्छा है।
प्रभु के गुण गाना अच्छा है।
मंदिर जाते दुनियाँ बाले।
मेरे मन में प्रश्न निराले।
माता पिता सामने मेरे मैं क्यों मंदिर जाऊँ।
इनके चरणों की रज लेकर माथे तिलक सजाऊँ।
जन्मदिन मैं इस तरह मनाऊँ।।
संजय नारायण