जन्मदिन भाइयों का
जन्मदिन मुबारक हो
जियो हज़ारों साल
आपस में हमेशा
इसी छुटपन की तरह
करो प्यार ,
इतना करो प्यार
इतनी खाओ कसम
बाद में चाह कर भी
इन्हें ना हो तोड़ने का दम ,
इसी तरह रहो एक साथ
डाल हाथों में हाथ
गले में बाहें डाले
तुमको अलग करने की कोशिश में
निकल जायें लोगों के दिवाले ,
भाई ही बने रहो ना बनो रिश्तेदार
इनकी कोई कमी नही
कतार में खड़े हैं हज़ारों हज़ार ,
तुम भी कहोगे
हमने जो खुद ना किया
वो तुमको सीखा रहे हैं
पता है हम अपने बड़े होने का
हक़ जता रहें हैं ,
क्या करें जो गलती हमने की
उससे तुमको बचा रहे हैं
मिर्च को गुड़ समझ कर खा लिया है
अब चिल्ला रहे हैं ,
तुम ना करना ऐसी गलती
ना लड़ना एक – एक इंच जमीन के लिए
धन – दौलत तो आना – जाना है
बस हिम्मत करके प्यार को बचाना है ,
प्यार को समझो प्यार को जानो
क्योंकि तुमको अपना घर
हिन्दुस्तान – पाकिस्तान नही बनाना है ।
स्वरचित एवं मौलिक
(ममता सिंह देवा , 04/10/04 )