Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2022 · 1 min read

जन्मदिन बधाई सन्देश

आप वो फूल हो जो गुलशन
में नहीं खिलते,

पर जिसपे आसमान के फ़रिश्ते भी ..
फक्र हैं करते नैतिक बोस ..!

आप की ज़िन्दगी हद से ज्यादा कीमती हैं,
जन्म दिनआप हमेशा मनाये यु ही..!

हँसते हँसते.. जन्मदिन नैतिक बोस.
जन्मदिन मुबारक हो.. !

जन्मदिन के ये खास लम्हे मुबारक,
आँखों में बसे नए ख्वाब मुबारक..!

जिंदगी जो लेकर आई
है आपके लिए आज…वो तमाम खुशियों की… !

हँसी सौगात मुबारक नैतिक बोस.
अग्रज निम्बाराम बोसको जन्मोत्सव की बहुत बहुत बधाई

स्वरचित लगु कविता
✍✍अभिषेक बोस विशाला
सायला जालौर 343032
मों. +918529243227

Language: Hindi
279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
My Sweet Haven
My Sweet Haven
Tharthing zimik
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
goutam shaw
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
माँ की ममता के तले, खुशियों का संसार |
जगदीश शर्मा सहज
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
सीता के बूंदे
सीता के बूंदे
Shashi Mahajan
प्यार मेरा तू ही तो है।
प्यार मेरा तू ही तो है।
Buddha Prakash
रुकती है जब कलम मेरी
रुकती है जब कलम मेरी
Ajit Kumar "Karn"
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
If you have someone who genuinely cares about you, respects
If you have someone who genuinely cares about you, respects
पूर्वार्थ
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
जो बुजुर्ग कभी दरख्त सा साया हुआ करते थे
VINOD CHAUHAN
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
Shweta Soni
दोहा
दोहा
Shriyansh Gupta
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
" गुलजार "
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
*जाने-अनजाने हुआ, जिसके प्रति अपराध (कुंडलिया)*
*जाने-अनजाने हुआ, जिसके प्रति अपराध (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शु
शु
*प्रणय*
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
Neelam Sharma
फूल फूल और फूल
फूल फूल और फूल
SATPAL CHAUHAN
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...