जन्मदिन गीत
मांग लूंगा ‘खुदा’ से यूं ही आज फिर
वर्ष ऐसे हज़ारों तुम्हारे लिए
कितनी दुश्वारियां हैं यूं ही आज फिर
जन्मदिन पर सितारों तुम्हारे लिए
राज़ ऐसे ही आंखों से आयें नज़र
घाव दिल में तुम्हारे भी गहरा न हो
लाख़ तुमको मिलें ख़्वाहिशों के सफ़र
बंदिशों का कोई ऐसा पहरा न हो
सौंप दूंगा तुम्हें मैं खुद को यूं ही
हर रोज़ ऐसे बहारों तुम्हारे लिए
मांग लूंगा ‘खुदा’ से यूं ही आज फिर
वर्ष ऐसे हज़ारों तुम्हारे लिए
चूमे आयाम को तू भी आकाश के
व्यर्थ से कोई ऐसा भी वादा न हो
मेरे हिस्से में आयें तेरी मुश़्किलें
तेरा दुख-दर्द भी मुझसे ज्यादा न हो
इतना मांगा है मैंने नदी के लिए
क्या-क्या मांगू किनारों तुम्हारे लिए
मांग लूंगा ‘खुदा’ से यूं ही आज फिर
वर्ष ऐसे हज़ारों तुम्हारे लिए !!
– अशांजल यादव