जनाब वो ख्वाव मे हैं
वो सादगी उनकी, और वो दीवानापन।
सदा ख्याल हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।1।।
वो लवो की मुस्कुराहटे और वो चाँद सा चेहरा।
बिखरा नूर हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।2।।
वो नजरो से बाते करना और रूह को छू जाना।
नखराला अंदाज हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।3।।
वो हर पल चुप रहना और बहुत कुछ कह जाना।
छूपे अल्फाज हैं जिनके, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।4।।
वो लहरो से अलमस्त और मौसम से रंगीन।
फिजा सा हाल हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।5।।
कभी नीम से कडवे तो कभी शहद से मीठे।
नमकीन मिजाज हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।6।।
न समझ सके वो हमको ये कैसी आशकी उनकी।
हमे एतवार हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।7।।
वो बेरूखी उनकी और ये जुल्म गजब।
हमे गुमान हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।8।।
कैसे समझाये कि क्या हैं शक्सीयत उनकी।
हया लिबाज हैं जिनका, जनाब वो ख्वाव मे हैं।।9।।
पूजू की कलम से ✒