जनहरण घनाक्षरी
🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
जनहरण घनाक्षरी –
(31 वर्ण, 30 लघु+1 गुरु , 8-8-8-7 पर यति, चरणांत गुरु)
***********************
चल सखि पनघट, हिल-मिल सँग-सँग,
झटपट जल भर, सिर धर गगरी ।
मटक-मटक मत , चल जल छलकत,
चल सखि रुक मत , सब सँग लग री !
सुत यशुमत नित, मिलत डगर उत,
कर पकड़त चल, सुन इत मग री ।
मुख ढक कर चल, दृगनन वश कर ,
रुन-झुन मत कर , चुप धर पग री ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🌾🌾🌾