जनवादी गीत
देखल जाव हमनी के
नेता लोग का करत बा
जीअत बा अबहीन ले
कि ऊ लोग मरत बा…
(१)
लागल बा देश के सेवा में
कि आपन जेब भरत बा…
(२)
आसमान छुवत महंगाई से
ऊ कवने आन लड़त बा…
(३)
कहीं बच्चा बिलखत बा
कहीं आनाज सड़त बा…
(४)
जात-पात के आगी में
आज पूरा देश जरत बा…
(५)
लेखक औरी पत्रकार तअ
सांच कहला से डरत बा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#FarmersProtest
#जनवादीगीतकार