जननी जन्मभूमि
होती प्यारी
जन्मदात्री माँ
प्यारी है
जन्मभूमि
माँ
के आंचल में
है ममत्व
दी है पहचान
जन्मभूमि ने
खेलते खाते
बड़े होते
जन्मभूमि पर
वंदनीय
पूज्यनीय
हैं
माँ और
जन्मभूमि
नहीं
उतार सकता
कर्ज
जन्मदात्री और
जन्मभूमि का
है हर भारतीय
की अभिलाषा
बनें
राम जन्मभूमि पर
मंदिर विशाल
वन्देमातरम
जय हिंद का
करों उदघोष
जननी
जन्मभूमि को
करो सदैव
नमन
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल