जनता सड़को पर होड
——-जनता सड़कों पर होगी——
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सरकार कल्याणकारी कार्य है करती
लाभकारी योजना क्रियान्वित करती
कुछ पूरी हो जाती कुछ अधूरी रहती
कुछ जन तक पहुंचे,कुछ हैं लटकती
कुछ कागजों तक ही सीमित हैं रहती
राजनेता,ठेकेदारों की रहें जेब भरती
निरन्तरता में नई सड़कें हैं बना रही
कृषि योग्य भूमि अधिग्रहण कर रही
एक दिन ऐसा आएगा तुम ये देखना
लोग सड़कों पर आ जाएंगे ये देखना
भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी जाल बुन गया
अमीर गरीबों को सरेआम ठग गया
सरकारी नीति अमीरों की तरफदार
गरीबों का कोई भी रहा ना वफादार
मददगार ही देखिए सितम ढ़ाह रहा
अमीर अमीर गरीब गरीब है हो रहा
जिस दिशा में भारत देश है जा रहा
बिगड़ेगी दशा, देश खाई में जा रहा
बातें जो करते हैं, बातों का खा रहे
राजनीतिक रोटियां वो हैं पका रहे
लोकतंत्र का तो है मजाक बना दिया
लोगों को मुख्य मुद्दों से परे हटा दिया
विश्व विकास की तो है बात कर रहे
नौजवान बेरोजगारी में भूखे मर रहे
सड़कों का यहाँ पर जाल बिछा होगा
हर जन यहाँ पर भूखा बदहाल होगा
सुखविंद्र जन के मन में ये बात होगी
झूठ का पर्दाफाश सच की जीत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)