जनता कर्फ़यु की कुछ झलकियाँ —आर के रस्तोगी
सूनी सडके,दुकाने बंद,कोई ग्राहक नहीं आया |
देखो भैया,इस कोरोना ने कैसा कहर है ढाया ||
छिपे हुए है सब अपने घर में,कोई नहीं बोल रहा है |
कमीना कोरोना,शिकार की तलाश में डोल रहा है ||
बच्चे भी घर में मस्त है,खेल रहे है अपने खेल |
कोरोना भी खेल रहा है,अब साँप सीडी का खेल ||
पुलिस वाले भी है,अपनी डयूटी पर है तैनात |
कोई दोषी नहीं मिल रहा,किसे लगाये वे बैत ||
राज नेताओ ने भी बजाई,अपने घर में ताली |
राज सत्ता से अलग रहकर,पड़े हुए है खाली ||
कवि लेखक भी लिख रहे है अपनी अपनी बात |
कोई उनको भी नहीं मिल रहा सुने उनकी बात ||
मिडिया वाले भी घूमे रहे है अपने कैमरे के साथ |
किस का इंटरव्यू वे लेवे,किससे कहे अपनी बात ||
सन्नाटा सब जगह पसरा है,ये कोरोना की सौगात |
कोरोना को मार भगाओ तभी मिलेगा सबका साथ ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम