लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
✨मुस्कुराना आसान होता है पर मुस्कुराहट के पीछे का राज जानना
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे।
छोटी - छोटी खुशियों को हम
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
Affection couldn't be found in shallow spaces.
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
ज़िन्दगी - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।