Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2019 · 1 min read

जनतंत्र को ग्रहण

‘जनतंत्र/संविधान
अगर सूर्य हैं
तो उसकी रश्मियां हैं-
स्वतंत्रता-समता-बंधुता-न्याय.
फिर भी देश में
चहुंओर फैला है तम
अनाचार, भ्रष्टाचार
बलात्कार, तमाम अपराधों
का मचा है कोहराम
लोग अपने आप में लीन.
बने हुए हैं-
दूसरों के प्रति बेरहम.
कैसा जनतंत्र है?
कैसा संविधान है?’
चहुंओर यही शोर मचा है.

जनतंत्र-संविधान
तो सदा है जन-जन
के साथ उनकी रक्षा और
कल्याण के लिए
किंतु अभी
ग्रहण लगा है.
जनतंत्र/संविधान पर
उसे ग्रसे हुए हैं
सामंतवाद-पूंजीवाद के
राहु-केतु
कभी-कभी धूमकेतु
की तरह उत्पात मचा
जाती हैं पुरानी
जर्जर मान्यताएं
और कोहराम मचाकर
जनतंत्र/संविधान को
बदनाम कर जाती हैं
जनतंत्र-संविधान
की रक्षा के लिए
जन-जन को
सतत प्रहार करना होगा
सामंतवाद-पूंजीवाद पर
पुरानी मान्यताओं पर.
-23 जनवरी 2013
दोपहर 3 बजे

Language: Hindi
6 Likes · 496 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिनकर/सूर्य
दिनकर/सूर्य
Vedha Singh
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पैसे की क़ीमत.
पैसे की क़ीमत.
Piyush Goel
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
ना चाहते हुए भी
ना चाहते हुए भी
हिमांशु Kulshrestha
दोहे
दोहे
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
Neeraj Agarwal
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
लाख कर कोशिश मगर
लाख कर कोशिश मगर
Chitra Bisht
World Temperance & National No sugar day 3 October
World Temperance & National No sugar day 3 October
Rj Anand Prajapati
" बंध खोले जाए मौसम "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
श्वेत पद्मासीना माँ शारदे
Saraswati Bajpai
कृष्ण कन्हैया घर में आए
कृष्ण कन्हैया घर में आए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
Ashwini sharma
कुछ किताबें और
कुछ किताबें और
Shweta Soni
"अपेक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं तारीफें झूठी-मूठी नहीं करता ll
पूर्वार्थ
कहानी, बबीता की ।
कहानी, बबीता की ।
Rakesh Bahanwal
"ऊंट पे टांग" रख के नाच लीजिए। बस "ऊट-पटांग" मत लिखिए। ख़ुदा
*प्रणय*
3979.💐 *पूर्णिका* 💐
3979.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
Shashi kala vyas
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
Loading...