जतन
बहुत किए जतन , मना न सका तुझे यारा।
आ एक बार फिर से अजनबी बनें दोबारा ।।
महसूस करें , मिलन ख्वाब था हमारा ।
टूटी नींद तो डर के , भाग गया बेचारा ।।
मिलन की यादों पर , आ उड़ेल दें पानी सारा।
रुला सकें न हमको फिर , टूटे न दिल बेचारा।।
भूल जाएं साथ , था जो एक दूजे का सहारा।
चल एक बार फिर से , अजनबी बनें दोबारा।।
समय ही बलवान है , हर कोई समय
से हारा ।
बहना पड़ेगा उधर ही , बहेगी जिधर समय की धारा ।।
अब हमने भी मान लिया , होगा कोई कुसूर हमारा ।
इसीलिए तो अजीज दोस्त ने , हमसे किया किनारा।।
बीत गई घड़ियां , हुआ था जब मधुर मिलन हमारा।
दिलों में थे अरमान , बने थे एक दूजे का सहारा ।।
अफसोस रहेगा ताउम्र , मना सके न तुझे यारा ।
आ एक बार फिर से , अजनबी बनें दोबारा।।