Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 3 min read

जज्बे से मिली जीत की राह….

जीवन में आगे बढ़ने के लिए सार्थक प्रयास करने की अपेक्षा बहुत से लोग अनुकूल समय की प्रतीक्षा में ही अपना समय नष्ट कर देते हैं। इसके विपरीत जो लोग प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवटता का परिचय देकर पूरी तन्मयता से कर्मशील रहकर अपने कार्य क्षेत्र में जुटे रहते हैं एक दिन सफलता उन्हीं के कदम चूमती है। पानीपत जिले के गांव बांध के निवासी संदीप सभ्रवाल ने भी अपनी अथक मेहनत के बूते कुश्ती और बॉडी बिल्डिंग के खेल में अपनी अलग पहचान कायम की है।दरअसल 24 वर्षीय संदीप सभ्रवाल का रुझान बचपन से ही खेलों की तरफ रहा है। शुरुआती दौर में संदीप ने गांव के ही आखड़े में कुश्ती के दांव-पेंच सीखना शुरू किया था। दिन में कई-कई घंटे कुश्ती के अथक अभ्यास से संदीप जल्द ही इस खेल में दक्ष हो गए।इसके बाद संदीप ने दिल्ली के चंदगीराम अखाड़े में भी कई बड़े पहलवानों से कुश्ती के नए-नए गुर सीखे।इनकी मेहनत तब रंग लाई जब इन्होंने अप्रैल 2015 में झारखंड में आयोजित हुई नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रोंज मेडल जीता। इसके बाद संदीप ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत पदकों का अंबार लगा दिया। फरवरी 2018 में दिल्ली में आयोजित हुई “दिल्ली स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता” में संदीप ने अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन को जारी रखते हुए ब्रोंज मेडल पर कब्जा जमाया।अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार लाने के लिए संदीप कुश्ती की नई-नई तकनीकों को लगातार सीखते रहे।संदीप ने इसी बीच नरेला में कुश्ती का प्रशिक्षण लेकर अपनी खेल तकनीक को और विकसित किया। जुलाई 2019 में संदीप ने पलवल हरियाणा में आयोजित 23वीं स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर फिर से सबको चौंका दिया। इसके बाद फरवरी 2020 में संदीप ने मिर्चपुर हिसार में आयोजित हुई जूनियर हरियाणा स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। लगातार मिल रही जीत के साथ-साथ संदीप ने कई-कई घंटे कुश्ती का अथक अभ्यास भी जारी रखा।सितंबर 2021 में बाढ़डा चरखी दादरी में संपन्न हुई “फ्री स्टाइल तथा ग्रीको रोमन तीसरी हरियाणा स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता” में भी संदीप ने अपने खेल कौशल का उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।जिस समय संदीप लगातार कुश्ती में पदक जीत रहे थे तभी एक सड़क हादसे में इनके पिता भगवान सिंह का आकस्मिक निधन हो गया।पिता की मृत्यु ने संदीप को झकझोर कर रख दिया।निराशा के गर्त में डूबे संदीप ने कुश्ती खेलना बंद कर दिया।इनकी मां बुगली देवी के समझाने पर संदीप ने फिर से बॉडी बिल्डिंग का अभ्यास शुरू किया।जिम में घंटो तक संदीप अथक कड़ी मेहनत करते रहे।इनकी मेहनत तब रंग लाई जब इन्होंने बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर “मिस्टर हरियाणा” का खिताब अपने नाम किया।इस जीत ने संदीप के हौसलों को बुलंदियों पर पहुंचाने का काम किया।जून 2022 में दिल्ली के सुप्रसिद्ध तालकटोरा स्टेडियम में संदीप ने बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़कर “मिस्टर यूनिवर्स” का खिताब जीत लिया।यह जीत अन्य जीतों के मुकाबले कहीं बड़ी जीत थी।संदीप आज भी अपने प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए अभ्यासरत हैं।खेल के क्षेत्र में कई सम्मान प्राप्त कर चुके संदीप देश के लिए ओलंपिया में बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में पदक जीतना चाहते हैं।संदीप का कहना है कि खेल में हार जीत चलती रहती है अतः कभी भी किसी मुकाबले में हार जाने पर हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। नित्य प्रतिदिन अपने लक्ष्य को याद रखते हुए कड़ी मेहनत करने से कामयाबी हासिल की जा सकती है।अपनी जीत का श्रेय संदीप अपने स्वर्गीय पिता भगवान सिंह तथा मां बुगली देवी को ही देते हैं।उनका मानना है की उनके माता-पिता के संघर्षों से ही वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। -नसीब सभ्रवाल “अक्की”, Mo-9716000302

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व"
Ajit Kumar "Karn"
Sometimes people  think they fell in love with you because t
Sometimes people think they fell in love with you because t
पूर्वार्थ
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*कहीं जन्म की खुशियॉं हैं, तो कहीं मौत का गम है (हिंदी गजल ग
*कहीं जन्म की खुशियॉं हैं, तो कहीं मौत का गम है (हिंदी गजल ग
Ravi Prakash
सत्य मिलता कहाँ है?
सत्य मिलता कहाँ है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
भारतीय रेल (Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
Shweta Chanda
"मौत से क्या डरना "
Yogendra Chaturwedi
"अन्दाज"
Dr. Kishan tandon kranti
दोनों मुकर जाएं
दोनों मुकर जाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
👍
👍
*प्रणय प्रभात*
तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
अवसर
अवसर
संजय कुमार संजू
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भुला के बैठे हैं
भुला के बैठे हैं
Dr fauzia Naseem shad
4184💐 *पूर्णिका* 💐
4184💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
Loading...