जज्बा
आदत हो जिसको टकराने की सैलाब से,
वो कश्ती क्या डरेगी तूफान से,
अब तो हवाएं ही फैसला करेगी ,
तुम्हारी हस्ती की,
तीरे – ए – नश्तर निकल चुका है कमान से ।।
✍️ रश्मि गुप्ता@ Ray’s Gupta
आदत हो जिसको टकराने की सैलाब से,
वो कश्ती क्या डरेगी तूफान से,
अब तो हवाएं ही फैसला करेगी ,
तुम्हारी हस्ती की,
तीरे – ए – नश्तर निकल चुका है कमान से ।।
✍️ रश्मि गुप्ता@ Ray’s Gupta