जज्बात
बहुत कम लोग है जो दिल की, सच्ची बात लिखते है ।
उजाले को तिमिर और, दिन को रात लिखते हैं
सही क्या है गलत है क्या, उन्हें मालूम है लेकिन,
नशे में चूर हो करके निजी जज्बात लिखते हैं!!!
बहुत कम लोग है जो दिल की, सच्ची बात लिखते है ।
उजाले को तिमिर और, दिन को रात लिखते हैं
सही क्या है गलत है क्या, उन्हें मालूम है लेकिन,
नशे में चूर हो करके निजी जज्बात लिखते हैं!!!