जज़्बात समझ लेते,
क़ाश कि तुम मिरे जज़्बात समझ लेते,
रूठने से पहले मिरे हालात समझ लेते ।
इतने दिवाने न थे मुहब्बत से पहले हम,
लवों पे रुके हुए मिरे ख़्यालात समझ लेते ।
*अंजान
क़ाश कि तुम मिरे जज़्बात समझ लेते,
रूठने से पहले मिरे हालात समझ लेते ।
इतने दिवाने न थे मुहब्बत से पहले हम,
लवों पे रुके हुए मिरे ख़्यालात समझ लेते ।
*अंजान