जज़्बात समझ नहीं पाता
सब कहने को अपनें पर
कोई अपना सा बन नहीं पाता।
इस ज़माने में कोई किसी के
जज़्बात समझ नहीं पाता।।
शिव प्रताप लोधी
सब कहने को अपनें पर
कोई अपना सा बन नहीं पाता।
इस ज़माने में कोई किसी के
जज़्बात समझ नहीं पाता।।
शिव प्रताप लोधी