जज़्बात तेरे- मेरे।
जज्बातों का तूफ़ान,
उफान मार रहा दिल में,
मन साधा नहीं जा रहा खुद से,
दिल को खाली कर के बैठ गये हो,
पट भी बंद है अंदर से,
आहट पल-पल की कैसे दू अपनी,
हर पल को कैद कर के खुद रूठ गई हो।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।
जज्बातों का तूफ़ान,
उफान मार रहा दिल में,
मन साधा नहीं जा रहा खुद से,
दिल को खाली कर के बैठ गये हो,
पट भी बंद है अंदर से,
आहट पल-पल की कैसे दू अपनी,
हर पल को कैद कर के खुद रूठ गई हो।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।