Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2020 · 1 min read

“”””” जग मग जग मग दीप जलेंगे”””””””

जगमग जगमग दीप जलेंगे, रोशन होगा देश यह सारा।
तम मीट जाएं समता आएं,दीपोत्सव का सन्देश है न्यारा।
महापर्व यह हमको प्यारा,जग मग चमके देश हमारा।।

श्री राम अवध को आए,पुरवासी खुशियां मनाए,
घर घर दीप जलाएं, गीत भी मंगल गाएं।
परिपाटी यही हमारी,लगती सारे जग से प्यारी।
आए आए फिर से आए, श्री राम राज्य दोबारा।
महापर्व यह हमको प्यारा,जग मग चमके देश हमारा।।

**आप सभी को दीपावली महापर्व की अनंत शुभकामनाएं **
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
3298.*पूर्णिका*
3298.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
मतलबी इंसान हैं
मतलबी इंसान हैं
विक्रम कुमार
■ और एक दिन ■
■ और एक दिन ■
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी की ज़रूरत में
ज़िंदगी की ज़रूरत में
Dr fauzia Naseem shad
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सीख (नील पदम् के दोहे)
सीख (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"मुझे देखकर फूलों ने"
Dr. Kishan tandon kranti
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
केवल पंखों से कभी,
केवल पंखों से कभी,
sushil sarna
.
.
Amulyaa Ratan
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*SPLIT VISION*
*SPLIT VISION*
Poonam Matia
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
डॉक्टर रागिनी
* ये शिक्षक *
* ये शिक्षक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पथप्रदर्शक
पथप्रदर्शक
Sanjay ' शून्य'
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
Paras Nath Jha
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
औरों की खुशी के लिए ।
औरों की खुशी के लिए ।
Buddha Prakash
Loading...