Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2021 · 1 min read

जग बहुत सुन्दर है

**जग बहुत सुन्दर है**
*******************

गम का गहरा समंदर है,
ये जग बहुत ही सुन्दर है।

रंग बिरंगे रंगों से है रंगा
ये कितना हसीन मंजर है।

दुख सुख से भरा सागर,
समाया सब कुछ अंदर है।

कोई समझ नहीं पाया हैं,
खुदा का बनाया मंदिर है।

दुनिया तो है आनी जानी,
यहाँ चलता आया लंगर है।

खुशियों से भरा खजाना,
मनसीरत मिलते खंजर है।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
शेखर सिंह
गहरे हैं चाहत के ज़ख्म
गहरे हैं चाहत के ज़ख्म
Surinder blackpen
जीवन पथ पर सब का अधिकार
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
..
..
*प्रणय*
देखो तो सही
देखो तो सही
Dr. Bharati Varma Bourai
* पहेली *
* पहेली *
surenderpal vaidya
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मुस्कुराना ज़रूरी है
मुस्कुराना ज़रूरी है
Roopali Sharma
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
थोड़ा राज बनकर रहना जरूरी हो गया है दोस्त,
P S Dhami
अन्तस के हर घाव का,
अन्तस के हर घाव का,
sushil sarna
दिल हर रोज़
दिल हर रोज़
हिमांशु Kulshrestha
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
Rj Anand Prajapati
*Fear not O man!*
*Fear not O man!*
Veneeta Narula
आओ हिंदी सीखें....
आओ हिंदी सीखें....
गुमनाम 'बाबा'
आओ, फिर एक दिया जलाएं
आओ, फिर एक दिया जलाएं
Atul Mishra
"सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
4311.💐 *पूर्णिका* 💐
4311.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
जगदीश शर्मा सहज
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तेरा तस्वीर लगाना अच्छा लगा...
तेरा तस्वीर लगाना अच्छा लगा...
Jyoti Roshni
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
Loading...