जगत कल्याणी , दुख हारिणि
जगत कल्याणी , दुख हारिणि
कष्ट विनाशिनी , शुभ दायिनी
माँ घर मेरे पधारी है
घट स्थापना करूँ , द्वार सजाऊँ
माँ को लाल चूनरिया पहनाऊँ
माँ कहलाती है बुद्धि प्रदायिनी
माँ घर मेरे पधारी है
नव दिन में नव उपासना कर
दम्भ भावना को त्याग कर
माँ कहलाती है जीवन संवारिनी
माँ घर मेरे पधारी है
नौ माँ है जगत को धारण करती
सृजन प्रलय का कारण बनती
माँ कहलाती है रक्षा कारिणी
माँ घर मेरे पधारी है
नव शक्ति , नव भक्ति हममें जागी
इसलिये शक्ति पूजा की लगन लागी
माँ कहलाती है पाप नाशिनी
माँ घर मेरे पधारी है