Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2024 · 1 min read

जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,

जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
ज़िंदगी अपने कंधों पर बोझल होते देखा है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Success rule
Success rule
Naresh Kumar Jangir
पुनर्जन्माचे सत्य
पुनर्जन्माचे सत्य
Shyam Sundar Subramanian
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
प्रेम
प्रेम
पंकज कुमार कर्ण
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
2618.पूर्णिका
2618.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
सच ज़िंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
Dr. Kishan tandon kranti
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वोट कर!
वोट कर!
Neelam Sharma
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
gurudeenverma198
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
अगर न बने नये रिश्ते ,
अगर न बने नये रिश्ते ,
शेखर सिंह
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
■ प्रभात वंदन....
■ प्रभात वंदन....
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
What can you do
What can you do
VINOD CHAUHAN
Loading...