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22 Jun 2024 · 1 min read

जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,

जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
ज़िंदगी अपने कंधों पर बोझल होते देखा है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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