जंगल में चुनाव
जंगल में चुनाव
गिद्ध को है आभास
अल्पसंख्यक होने का
इस लिए ही
बहला-फुसला लिए
एक-एक
तितर-बटेर, चिड़िया-पाख्ता
व अन्य बहुसंख्यक निरीह पंछी
कर दिए नियुक्त
सजातीय बंधुओं को
बहलाने-फुसलाने को
समर्थन जुटाने को
तोता, मैना, मोर, चकोर
सबने लाया पूरा जोर
आया गिद्धों की सत्ता का दौर
गिद्ध कुर्सीनशीन हुआ
कौआ बना वजीर
-विनोद सिल्ला