जंगल की रामलीला
जंगल में हुई रामलीला
चुना एक ऊँचा सा टीला
बनी लोमड़ी सीता रानी
और राम जी लोमड़ ज्ञानी
तीन शेर भाई रघुराई
हाथी बने विभीषण भाई
काला भालू रावण बनकर
ले आया सीता को हरकर
हनुमान जी बना जो वानर
उधम मचाया लंका जाकर
सीता जी को शीश नवाया
फिर लंका को पूर्ण जलाया
रामचिन्ह चूड़ामणि देकर
चले मुद्रिका उनसे लेकर
पता राम जी ने जब पाया
सागर पर फिर पुल बनवाया
उधर विभीषण ने समझाया
पर रावण को तनिक न भाया
इतने कड़वे वचन सुनाये
शरण राम की तब वो आये
भेद बताया जब रावण का
आया काल तभी दुश्मन का
लंका नरेश बने विभीषण
सीता का पर अग्नि परीक्षण
और राम ने सीता त्यागी
थे वो मर्यादा अनुरागी
बात नहीं पर सबको भाई
तभी रामलीला रुकवाई
कहा राम आदर्श हमारे
किये काम भी मंगल सारे
कृत्य नहीं ये हमको भाया
अपनी सीता को ठुकराया
नहीं करेंगे इसका मंचन
फूँका रावण किया समापन
25-10-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद