छोड़ो ना इस भौरे को यह शहद का दीवाना है
जाओ किसी बगिया की बाग बन जाओ ,छोड़ो इस भौरों को यह तो शहद का दीवाना है ,
ढूंढ लो और कोई नया हमसफ़र कर लो तुम ब्याह ,
छोड़ो इस भौरों को यह तो शहद का दीवाना है ,
लिखी जाएगी अब उसकी और तुम्हारी प्रेम की नई आत्मगाथा ,
जला दो ना पुराने को जख्म बहुत ताजा है ,
हर दिन अब तुम्हारे याद में तारे नही टूटेंगे ,
नही मांगी जाएगी ख्वाहिशें ,जो पूरी न हो पाएगी ,
छोड़ो इस भौरों को यह तो शहद का दीवाना है ,
जख्म ताजा है उस आशिक के ,
मुस्कराना आता है उस मुसाफिर को ,
छोड़ो ना इस भौरे को यह तो शहद का दीवाना है ,
कर लो तुम अब शादी ,रहने दो अधूरी ये कहानी ,
जख्म पिरोया है लोगो ने थोड़ा पिराने तो दो ,
छोड़ो इस भौरे को यह तो शहद का दीवाना है ।।