छोड़ दे आना जाना ———– गीत
समझ समझ अब समझ रे मानव,
दानव ने पांव पसारे है।
बिना डरे तो लड़ना तुझे है,
हिम्मत काहे हारे है।।
छोड़ दे आना जाना,वक़्त घर में ही बिताना।।
हथियारों का युद्ध नहीं यह,
बस दूर दूर तुझे रहना है।
हिम्मत अपनी घर वालो की,
इक दूजे को देना लेना है।।
हौसला नहीं गंवाना, अपनों का भी बड़ाना।
छोड़ दे आना जाना,वक़्त घर में ही बिताना।।
कुछ दिन की आफत है यह,
दिन फिर बदल ही जाएंगे।
गुजर जाने दे बुरे दौर को,
फिर महफिल हम सजाएंगे।।
सीख को न बिसराना,कथन को भूल न जाना।
छोड़ दे आना जाना, वक़्त घर में ही बिताना।।
राजेश व्यास “अनुनय”