*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)
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छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य
करुणा ने निर्णय लिया, परम परिस्थिति-जन्य
परम परिस्थिति-जन्य, कहा मत पशु को मारो
इसमें भी है सॉंस, आत्म-का तत्व विचारो
कहते रवि कविराय, रीति की धारा मोड़ी
मांस हो गया त्याज्य, मांस की थाली छोड़ी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451