Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2020 · 1 min read

प्रदूषित नीर

जबलों दुख आते नहीं, बनते रहते काम।
नहीं भजन कोई करे, बिसरे रहते राम।।

डाल गन्दगी नदी में, करें प्रदूषित नीर।
छोटी सी यह बात है, लेकिन है गंभीर ।।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
5 Likes · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
shabina. Naaz
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
Dr Archana Gupta
"ईर्ष्या"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
राही
राही
Neeraj Agarwal
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
वक़्त की फ़ितरत को
वक़्त की फ़ितरत को
Dr fauzia Naseem shad
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
सागर से अथाह और बेपनाह
सागर से अथाह और बेपनाह
VINOD CHAUHAN
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
Shweta Soni
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
शिवरात्रि
शिवरात्रि
ऋचा पाठक पंत
कल को छोड़कर
कल को छोड़कर
Meera Thakur
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
2902.*पूर्णिका*
2902.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
Meenakshi Masoom
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
आईना
आईना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सरकारी दामाद
सरकारी दामाद
पूर्वार्थ
जन्म दायनी माँ
जन्म दायनी माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
जहां प्रगटे अवधपुरी श्रीराम
Mohan Pandey
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
Loading...