छोटी सी जिंदगी
छोटी सी जिंदगी , ढ़ेरों अरमान।
छोटे से पंख ,खुला आसमान।
पलकों तले , कई सोये है ख्वाब
धीरे-धीरे बनते जाते हैं अजाब।
पल भर की जिंदगी, ढ़ेरों तमन्नाएं
सांसों की कीमत,कम होती जाए।
दिल की धड़कन,करें कैसे शरारत
खून में जब बची हो न हरारत।
सजदे में रहे , बदले कई मैंने खुदा
लेकिन बदनसीबी न हुई कभी जुदा।
सुरिंदर कौर