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25 Nov 2024 · 1 min read

छोटी – छोटी खुशियों को हम

छोटी – छोटी खुशियों को हम
रोज अपनी गुल्लकों में बचाते हैं।
इधर – उधर से मन खट्टा हो जाए
तो फिर अपनी गुल्लक में झाँकते हैं।
– मीरा ठाकुर

5 Likes · 2 Comments · 41 Views
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