Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2024 · 1 min read

छोटी – छोटी खुशियों को हम

छोटी – छोटी खुशियों को हम
रोज अपनी गुल्लकों में बचाते हैं।
इधर – उधर से मन खट्टा हो जाए
तो फिर अपनी गुल्लक में झाँकते हैं।
– मीरा ठाकुर

4 Likes · 2 Comments · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Meera Thakur
View all

You may also like these posts

लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
हमारा भारतीय तिरंगा
हमारा भारतीय तिरंगा
Neeraj Agarwal
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूं
indu parashar
अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
गोमुख
गोमुख
D.N. Jha
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
Sonam Puneet Dubey
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
💫समय की वेदना😥
💫समय की वेदना😥
SPK Sachin Lodhi
एक तरफा
एक तरफा
PRATIK JANGID
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
उसके क़दम जहां भी पड़ते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
"संस्कार'
DrLakshman Jha Parimal
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
Ranjeet kumar patre
मिल के बिछड़ गये,
मिल के बिछड़ गये,
Dr fauzia Naseem shad
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक
महिला हमारी जननी , महिला हमारी पूरक
Girija Arora
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
■ सियासत के पाखण्ड। सुर्खी में आने के बीसों बहाने।।😊😊
*प्रणय*
My Loving book
My Loving book
Dr. Vaishali Verma
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
जब तक आप जीवन को स्थिरता से नहीं जानेंगे तब तक आपको जीवन में
जब तक आप जीवन को स्थिरता से नहीं जानेंगे तब तक आपको जीवन में
Ravikesh Jha
क्रिसमस डे
क्रिसमस डे
Sudhir srivastava
हो जाती हैं आप ही ,वहां दवा बेकार
हो जाती हैं आप ही ,वहां दवा बेकार
RAMESH SHARMA
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3 _उसे और जलना था ...
3 _उसे और जलना था ...
Kshma Urmila
Loading...