Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

*छूट_गया_कितना_कुछ_पीछे*

छूट_गया_कितना_कुछ_पीछे
————————————–
क्या लेकर चले थे -कभी
क्या लेकर आये थे -कभी
किसका अफसोस करें
उसका ,
जो कभी था ही नहीं हमारा
क्यों करें अफसोस उसका
जब तक हमारा था हमारे पास था
आज वह चला गया उसके पास
जिसका था ,
हाँ ,कितना कुछ छूट गया और
आगे क्या क्या छूटेगा
पता नहीं …,
राह में –चलते चलते ,
आज के समय की इस आँधी में
कितनों के अपनों का साथ रहेगा
वहीं कितने यादों के साथ रहेंगे
छुपा हुआ है वक़्त के गर्भ में
पता चलेगा आँधी के थमने के बाद
कि ….,
छूट गया कितना कुछ पीछे
इस अब तक के सफर में …||

शशि कांत श्रीवास्तव
डेराबस्सी मोहाली ,पंजाब
©स्वरचित मौलिक रचना
05-02-2024

2 Likes · 195 Views
Books from शशि कांत श्रीवास्तव
View all

You may also like these posts

" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
वो कली हम फूल थे कचनार के।
वो कली हम फूल थे कचनार के।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
Dr Archana Gupta
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
नयी कविता
नयी कविता
प्रदीप कुमार गुप्ता
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
ओसमणी साहू 'ओश'
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
Ravi Prakash
दोहा पंचक. . . . दिन चार
दोहा पंचक. . . . दिन चार
sushil sarna
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
" रतजगा "
Dr. Kishan tandon kranti
फिर न आए तुम
फिर न आए तुम
Deepesh Dwivedi
अंजाम
अंजाम
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
...... तड़प उसकी.......
...... तड़प उसकी.......
Mohan Tiwari
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
माँ-बाप की नज़र में, ज्ञान ही है सार,
माँ-बाप की नज़र में, ज्ञान ही है सार,
पूर्वार्थ
लेखक
लेखक
Shweta Soni
त्रिलोकीनाथ
त्रिलोकीनाथ
D.N. Jha
उलझन
उलझन
Sakhi
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
जय हनुमान
जय हनुमान
Neha
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
RAMESH SHARMA
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
बाण माताजी के दोहे
बाण माताजी के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...