छूकर जब भंवरे
रूक जाता सांसों का चलना
छूकर जब भँवरे जाते हैं
महक महक गुल मुस्काते हैं
जब हम तुम भी मिल जाते हैं
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
रूक जाता सांसों का चलना
छूकर जब भँवरे जाते हैं
महक महक गुल मुस्काते हैं
जब हम तुम भी मिल जाते हैं
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा