छुट्टा पशुओं से किसान रहे हलकान
पांच साल तक छुट्टा पशुओं
से सब किसान रहे हलकान
अब वो ब्याज सहित चुकाएंगे
जन प्रतिनिधियों का अहसान
पशुओं के नाम पर होती रहीं
राज्य में सदा घोषणाएं तमाम
मगर छुट्टा पशुओं से आम जन
को मुक्ति दिला न सका निजाम
कहने को तीनों सरकारों की डोरें
थामे रहा एक ही राजनीतिक दल
फिर भी जनसमस्याओं के बोझ
तले दबे लोग कसमसाते रहे बेकल
बहुत सोच समझकर ही चुनिए इस
बार अपने राज्य के लिए सरकार
चुनिए उन्हीं लोगों को जन प्रतिनिधि
जिनके वायदों पर हो आपको ऐतबार