Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2022 · 1 min read

छीन लेता है साथ अपनो का

छीन लेता है साथ अपनों का।
वक़्त वो बे’रहम लुटेरा है ।।
सब मुसाफ़िर हैं मैं भी और तू भी ।
ये जहाँ तेरा है न मेरा है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
8 Likes · 181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
श्री गणेश वंदना
श्री गणेश वंदना
Kumud Srivastava
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
ग़ज़ल -संदीप ठाकुर- कमी रही बरसों
ग़ज़ल -संदीप ठाकुर- कमी रही बरसों
Sandeep Thakur
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
स्त्री
स्त्री
Shweta Soni
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
*प्रणय*
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
gurudeenverma198
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तस्वीर बनाना
तस्वीर बनाना
Dr fauzia Naseem shad
*जीवन के गान*
*जीवन के गान*
Mukta Rashmi
ऐ मोनाल तूॅ आ
ऐ मोनाल तूॅ आ
Mohan Pandey
अपना-अपना दुःख
अपना-अपना दुःख
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल होती है
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
जुबां
जुबां
Sanjay ' शून्य'
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
झुलस
झुलस
Dr.Pratibha Prakash
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
*फल (बाल कविता)*
*फल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
3527.*पूर्णिका*
3527.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
Loading...