छाया अंबा की// हाइकु//
[1]
छाया अंबा की
मेरे सुखी जीवन
हूँ गुलजार !!
[२]
अम्बर नीला
हरी भरी धरती
बहती नदी !
[3]
राधा नगरी
श्याम का आगमन
प्रीत संगम !!
[4]
न्याय नगरी
गुनाह होते रोज
किसका दोष !!
[5]
धरती प्यासी
खिले सावन धुप
कृषा की आस !!
[6]
चिड़ियाँ प्यासी
तपता रेगिस्तान
है हलचल !!
[7]
पत्थर दिल
तुझे माना है रब
क्योकि सितम !!