छाप
बीतते वर्ष में कुछ कहानी बनी कुछ इतिहास
कुछ गम के साये में जिये कुछ बने परिहास
अयोध्या काशी हो या क्रांति धरा का बाजार
आने वाला युग भी रचेगा एक नया इतिहास
बीतते वर्ष में कुछ कहानी बनी कुछ इतिहास
कुछ गम के साये में जिये कुछ बने परिहास
अयोध्या काशी हो या क्रांति धरा का बाजार
आने वाला युग भी रचेगा एक नया इतिहास