छात्र संघ
हे राजतंत्र उन्मादी सुन लो, हम लोकतंत्र उदघोषक है
तुम सच को धूमिल करने वाले , हम संविधान के पोषक हैं
यदि तुमने अब जो हाथ उठाया तो हम भी चुप ना बैठेंगे
और संसद की गलियारों में भी हम तुमको ऐसे एठेंगे
तुम भुल जाओगे राज करना और बाप-बाप चिल्लाओगे
तुम छात्र संघ के चरणों में आकर अपना शीश झुकाओगे
—-✍️सूरज राम आदित्य
(१४-०८-२०२३)