छलने लगे हैं लोग
देकर यकीन साथ का छलने लगे हैं लोग
लालच की गोद में यहाँ पलने लगे हैं लोग
कहने को आदमी हैं मगर स्वार्थ के लिए
गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे हैं लोग
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 29/01/2024
देकर यकीन साथ का छलने लगे हैं लोग
लालच की गोद में यहाँ पलने लगे हैं लोग
कहने को आदमी हैं मगर स्वार्थ के लिए
गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे हैं लोग
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 29/01/2024