छप्पय छन्द
छप्पय छन्द
चार पंक्ति रोला, अंतिम दो पंक्ति उल्लाला
करता दास प्रणाम, पूज्य गुरुवर तुम मेरे।
आप सिखाते छन्द, हमें प्रतिदिन बहुतेरे।।
रख्खा नाम अदम्य, आपने मेरा सुन्दर।
ना भूले आभार, आपका दास उम्रभर।।
मैने गुरुवर आपसे, सीखे छन्द तमाम हैं।
इसी लिए कर जोड़कर, करता दास प्रणाम है।
अदम्य