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15 Jun 2023 · 1 min read

तोमर छंद

पितु मात के अहसान, चुक पाना न आसान।
माँ साक्षात भगवान, कर दे हमें सब दान।
निस्वार्थ उनका प्यार,प्रभु भी गए हैं हार।
मिले उनका आशीष,नत उनके सम्मुख शीश।
न देना उनको पीर,चाहे हो तुम अमीर।
हैं जो उनके करीब, मानो अच्छे नसीब।
उनकी सेवा पुण्य कर्म ,यह है आपका धर्म।
उनके पग चार धाम,मात पिता को प्रणाम।

रंजना माथुर
अजमेर राजस्थान
मेरी स्वरचित व मौलिक रचना
©

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