Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2019 · 1 min read

छन हुई काजल कह दूँ

छन छन हुई झनकार बजी ज़ोर से पायल कह दूँ,
सोचता हूँ कजरारी आँखों में झाँक कर तुझको काजल कह दूँ।
धूप में जो तू राहत है तो लट को तेरे छाया कह दूँ,
यूँ ही रही बरसती जो तू वर्षा ऋतु की काया कह दूँ,
रूप बदलता तेरा पल पल रब की तुझको माया कह दूँ,
न माने जो कोई तो फिर रब खुद है आया कह दूँ।
मुझे इजाज़त तू दे दे तो खुद को तेरा कायल कह दूँ,
डगमगाने को तैयार है लमहा खुद को तेरा घायल कह दूँ,
तू दीवानी है अगर तो मैं खुद को फिर पागल कह दूँ,
बादल भ्रमण करते अम्बर में या फिर तेरा आँचल कह दूँ।
अनसुनी सी अनकही सी तुझको एक कहानी कह दूँ,
दुनिया सारी एक तरफ हो तन्हा रुत की रवानी कह दूँ,
मीरा कहूँ या कह लूँ राधा या पगली दीवानी कह दूँ,
आज़ाद परिंदा है वो कोई उसको यार आसमानी कह दूँ।
छन छन हुई झनकार बजी प्यार से पायल कह दूँ,
बस कजरारी आँखों में झाँक कर तुझसे काजल कह दूँ।
©® Adv Sandarbh Mishra,
Varanasi,
Uttar Pradesh,
India
04.03.2019
08:30 AM

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 408 Views

You may also like these posts

नव आशाओं को मिला,
नव आशाओं को मिला,
Dr. Sunita Singh
सहानुभूति
सहानुभूति
Rambali Mishra
भरोसा
भरोसा
Ragini Kumari
सभी से।
सभी से।
*प्रणय*
💪         नाम है भगत सिंह
💪 नाम है भगत सिंह
Sunny kumar kabira
ना तुझ में है, ना मुझ में है
ना तुझ में है, ना मुझ में है
Krishna Manshi
सत्य साधना
सत्य साधना
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जिंदा मनुख
जिंदा मनुख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
"" *मैंने सोचा इश्क करूँ* ""
सुनीलानंद महंत
बाल कविता :गर्दभ जी
बाल कविता :गर्दभ जी
Ravi Prakash
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Surinder blackpen
मां-बाप की उम्मीदें
मां-बाप की उम्मीदें
पूर्वार्थ
" सच्चाई "
Dr. Kishan tandon kranti
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
शापित रावण (लघुकथा)
शापित रावण (लघुकथा)
Indu Singh
चंद्र मौली भाल हो
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नवंबर का ये हंसता हुआ हसीन मौसम........
नवंबर का ये हंसता हुआ हसीन मौसम........
shabina. Naaz
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
पंकज कुमार कर्ण
प्रेम वो नहीं
प्रेम वो नहीं
हिमांशु Kulshrestha
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
मैं शिव हूँ
मैं शिव हूँ
Atul Mishra
ख़ुद से
ख़ुद से
Dr fauzia Naseem shad
देन वाले
देन वाले
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
⭕ !! आस्था !!⭕
⭕ !! आस्था !!⭕
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...