” छन्न पकैया “
छन्न पकैया, फटी दुलैया, कोउ न साँच कहैया,
रोजगार कौ दर-दर भटकत, बाप बड़ा ना भैया।
वोट माँगिकै, सीस झुकावत, फिरि ना कोउ सुनैया,
परधानी करि, लठ्ठ बजावत, सबसे बड़ा रुपैया।
नाव भई जर्जर, मझधारे, मिलत न कोउ खेवैया,
सेर बनौ, केतौ चाहै, मिलि जातइ कबहुँ सवैया।
महँगाई नाचत, सिरि चढ़िकै, कैसे बनइ खवैया,
भली कीन्हिँ “कोरोना” कारन, पाहुन हूँ न अवैया।
मोबाइल पै गेम सँचरि गे, मिलत न कथा सुनैया,
कहाँ कबड्डी, गुल्ली-डन्डा, कुश्ती कोउ न लड़ैया।
लगी बिमारी इन्टरनेट की, आँखी लगत फोरैया,
घर-घर पले बिदेसी कूकर, दिखत न सुआ, चिरैया।
पिज़्ज़ा, बर्गर, स्विगी, ज़ोमैटो, चाउमीन, मनभैया,
दाल-भात, रोटी मोटी, खिचड़ी अब कोउ न बनैया।
चार चोर मिलि बइठे गहिरे, मति सब लीन्हि हरैया,
दाग लगावत, हरि बिसरावत, कोउ न फिकर चदरिया।
छन्न पकैया, नाच न आवत, होत न ता-ता-थैया,
गीत रचैँ, “आशा” बइठे, पै मिलत न कोउ गवैया…!
पाहुन # अतिथि, guest
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रचयिता-
Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964