Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)

121 212 12
अनंत जो पिपास है।
धरा हुई उदास है।।
सजा ललाट भौम का।
खुला कपाट व्योम का।।

सुनो पिया सुनो ज़रा।
पलाश से सजी धरा।।
लिए सुहास याद का।
खिला उजास चाँद का।।

लगा पिया हिया मुझे।
निखार दो पिया मुझे।।
मुझे असीम प्यार दो।
कली कली सवार दो।।

समीर गंध से भरी।
अबीर रंग से भरी।।
मृणाल फूलने लगी।
सु-डाल झूलने लगी।।

पुकारती बयार है।
बहार ही बहार है।।
नवीन गीत गान है।
सु-रागिनी सुपान है।।
नीलम शर्मा ✍️

134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3536.💐 *पूर्णिका* 💐
3536.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
मुझे तुम मिल जाओगी इतना विश्वास था
Keshav kishor Kumar
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
स्त्री और पुरुष की चाहतें
स्त्री और पुरुष की चाहतें
पूर्वार्थ
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
gurudeenverma198
भारत की गौरवशाली परंपरा का गुणगान लिखो।
भारत की गौरवशाली परंपरा का गुणगान लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हमारे प्यार की सरहद नहीं
हमारे प्यार की सरहद नहीं
Kshma Urmila
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
Ranjeet kumar patre
कुछ बातें ज़रूरी हैं
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
*जीवन का सार यही जानो, सच्चाई जीवन में घोलो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
कवि रमेशराज
एक नस्ली कुत्ता
एक नस्ली कुत्ता
manorath maharaj
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
Phool gufran
हो अंधेरा गहरा
हो अंधेरा गहरा
हिमांशु Kulshrestha
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
बांदरो
बांदरो
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
सपने देखने का हक हैं मुझे,
सपने देखने का हक हैं मुझे,
Manisha Wandhare
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
Aisha mohan
" HYPOTHESIS"
DrLakshman Jha Parimal
"बाणसुर की नगरी"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...