छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
121 212 12
अनंत जो पिपास है।
धरा हुई उदास है।।
सजा ललाट भौम का।
खुला कपाट व्योम का।।
सुनो पिया सुनो ज़रा।
पलाश से सजी धरा।।
लिए सुहास याद का।
खिला उजास चाँद का।।
लगा पिया हिया मुझे।
निखार दो पिया मुझे।।
मुझे असीम प्यार दो।
कली कली सवार दो।।
समीर गंध से भरी।
अबीर रंग से भरी।।
मृणाल फूलने लगी।
सु-डाल झूलने लगी।।
पुकारती बयार है।
बहार ही बहार है।।
नवीन गीत गान है।
सु-रागिनी सुपान है।।
नीलम शर्मा ✍️