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16 Jul 2023 · 2 min read

छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार

छत्तीसगढ़िया संस्कृति के चिन्हारी- हरेली तिहार
हमर छत्तीसगढ़ हमेशा ले अपन संस्कृति अऊ परम्परा के खातिर पहचाने जाथे, इहां के सुग्घर नंदिया-नरवा, जंगल-पहाड़, खेत-खार, बाग-बगीचा मन के सुंदरता हा मन ला मोह लेथे, तभे तो जऊन मनखे भी इहां आथे ओ इहें के होके रही जथे।

सुग्घर नजारा के अलावा इहां के संस्‍कृति अऊ परम्‍परा घलो बड़ मनमोहक हावे, छत्‍तीसगढ़ के संस्‍कृति मा तिहार, परब मनके विशेष महत्‍व हावे, ए तिहार मन मा सबले पहिली हरेली आथे। हरेली तिहार मा गांव के संस्कृति अऊ परम्परा के सुग्घर झलक दिखथे, तेकरे सेती एला छत्तीसगढ़िया संस्कृति अऊ परम्परा के तिहार कहे जाथे।

हरेली तिहार ला सावन महीना के कृष्ण पक्ष अमावस के बेरा मा मनाए जाथे। हरेली तिहार किसान अऊ छत्तीसगढ़िया मनके तिहार हरे, जईसे कि एकर नाम ले ही पता चलथे हरेली के मतलब प्रकृति के चारों खुट हरियाली से होथे।

मानसून आए के बाद सावन महीना मा जब झमाझम बरसा होवत रथे अऊ चारो डहार फसल बोवाई होके हरियाली फैल जाथे तब किसान मन अपन अपन खेत में जोताई, रोपाई, बोआई, बिआसई जईसे काम मन ला पूरा करके ए हरेली तिहार ला मनाथे।

ए दिन जम्मो किसान भाई मन अपन खेत मा उपयोग होवैया औजार जैसें- नागर, जुड़ा, रापा, हंसिया, कुदारी, गैती, टंगिया, बसला, बिन्दना, आरी, पटासी, साबर जईसे समान मनमें, हरदी, दूध, चाउर पीसान ला पानी मा घोर के ओला सब औजार मन ऊपर छिडकथे, अऊ चाउर के बने चीला रोटी, नरियर, हुम-जग से औजार अऊ धरती मईया के पूूजा करथे।

तिहार के दिन सबो घर मा रोटी पीठा जैसे- चीला, सोहारी, बरा, खुरमी, ठेठरी, अइरसा, भजिया ला बनाथे फेर खुद खाथे अऊ पड़ोसी मन ला घलो खाए बर बलाथे अऊ हरेली तिहार के खुशी ला दुसर मन संग घलो बांटथे।

तिहार के दिन गांव मन मा कई किसम के खेल खेले अऊ खेलाए जाथे खेलों जैसे- मटका फोड़, गोली चम्मस, जलेबी दौड़, गेडी दौड, गेड़ी नाचा। एमे गेड़ी दौड़ अऊ गेड़ी नाचा हरेली बर खास खेल हरे। ए खेल मा लइका, सियान, माई लोगन सबो झन हिस्सा लेथे, ए खेल मन ले ए तिहार मा शोभा बढ़ जाथे।

अब तो छत्तीसगढ़ सरकार तरफ ले अपन संस्कृति अऊ परम्परा ला बचाये खातिर हरेली परब मा पारंपरिक खेल के आयोजन करे जाथे। स्कूल मन मा घलो लइका मन ला फुगड़ी, कुर्सी दौड़, गोली चम्मच जैसे खेल खेलाके एला एक प्रतियोगिता के रूप देके जितईया मन ला इनाम दे जाथे, जेकर ले सबो झन् खेल मा अऊ जादा उत्‍साह से भाग लेवय।
अईसने हमन सबो छत्तीसगढ़िया मनखे मन अपन पहिली तिहार हरेली ला बड़ धूमधाम ले मनाथन।
जय छत्तीसगढ़ महतारी! छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया!
✍️ मुकेश कुमार सोनकर
रायपुर, छत्तीसगढ़
मोबाईल 9827597473

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