छठ पूजा
छठ पूजा
छठ की पूजा की सारी महिमा शास्त्र हमें बतलाते हैं।
छठ देवी का अर्चन कर जन मनवांछित फल पाते हैं।
वैदिक काल से चला आ रहा है यह मंगल पर्व।
मिथला मगध अवध के संग संग पूजे भारत सर्व।
कार्तिक शुक्ल छठी के दिन से आगे के दिन चार,
सूर्य देव और छठ माता का मन से करो मनुहार।
अंशुमान की छठ मैया रिश्ते में लगती भगनी,
जिनकी कृपा से जल जाते हैं रोग दुःख मिल अग्नी।
व्रत रख करके अर्घ्य चढ़ाओ,सूर्य देव को पूजो।
तरह तरह पकवान चढ़ाओ छठ माँ सम न दूजो।
आरती करिये स्तुति गाइये, बोलिये मीठी बोली,
सब पर कृपा करेंगी माता भर दें सबकी झोली।
नवरात्रि की छठवीं देवी हैं माँ छठ कात्यायनी।
धन सुत वैभव खुशियां देती सदा सदा सुखदायनी।
विधि विधान से पूजा करिये सूर्य व छठ को मनाइये।
दिल में बसी जो मनोकामना, देवी मां से पाइये।